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गंगा नदी के बारे में रोचक तथ्य | Interesting facts about river Ganga

गंगा नदी के बारे में रोचक तथ्य | Interesting facts about river Ganga

        आपमें से बहुत सारे लोगोने गंगा नदी का नाम तो सुना ही होगा, लेकिन इसके बारे में कई ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी  है जिसे आप नहीं जानते होंगे, तो आज इस पोस्ट में आपको गंगा नदी के बारे में ऐसी जानकारी मिलेगी जो आप पहले कभी नहीं जानते होंगे|

              जैसा कि आप जानते हैं कि गंगा भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है| भारतीय उड़ान और साहित्य में अपने सौंदर्य और महत्व के कारण गंगा नदी को भारत में पवित्र नदी भी मानी जाती है| इसके साथ ही हिंदू धर्म में गंगा नदी को सबसे पवित्र नदी का दर्जा मिला हुआ है, तथा इसकी उपासना मां तथा देवी के रूप में की जाती है| यह करोड़ों भारतीयों के जीवन का साधन है| इस नदी के किनारे घनी आबादी बसी हुई है और लोग इस पर अपनी दिनचर्या एवं जीविका के लिए निर्भर है| प्राचीन मगध महाजनपद का उद्भव गंगा घाटी में हुआ, जहां से गणराज्यों की परंपरा विश्व में पहली बार प्रारंभ की| यहीं पर भारत का वह स्वर्ण युग विकसित हुआ था, जब मौर्य और गुप्त वंश के राजाओं ने यहां शासन किया था|

गंगा वह नदी है जिसके आसपास एक ऐसी सभ्यता का उद्भव हुआ था और विकास हुआ था जिसका प्राचीन इतिहास अत्यंत गौरवमई व प्रभावशाली है, जहां ज्ञान, धर्म, अध्यात्म व सभ्यता-संस्कृति की ऐसी किरण प्रस्फुटित हुई, जिसने न केवल भारत, बल्कि समस्त संसार आलोकित हुआ| इसी घाटी में रामायण और महाभारत कालीन युग का उद्भव और विलय हुआ| सामाजिक-साहित्यिक प्राकृतिक और आर्थिक दृष्टि से गंगा नदी हर भारतीय के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण नदी है| इसके साथ ही गंगा का मैदान अपने घनी जनसंख्या के कारण भी जाना जाता है| इतिहास में भी गंगा नदी का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है| तो आइए अब जानते हैं गंगा नदी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें|

नदी की लम्बाई और क्षेत्रफल

गंगा नदी भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर 2525 किलोमीटर कि दूरी तय करती हुई उत्तराखंड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुंदरवन तक विशाल भू भाग को सींचती है| गंगा नदी अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ 10 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अतिविशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है|

गंगा नदी की गहराई

गंगा नदी की गहराई की बात करें तो यह लगभग 100 फीट यानि 30 मीटर गहरी है| भारत की सबसे बड़ी उत्तरायण गंगा बिहार के भागलपुर से होते हुए कटिहार जिले में प्रवेश करती हैं| गंगा नदी के ऊपर बने हुए पूल, बांध और नदी परियोजनाएं भारत की बिजली, पानी कृषि से संबंधित जरूरतों को पूरा करती है| यह कृषि, पर्यटन साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है| इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थलों और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग है|

गंगा नदी के आसपास इन क्षेत्रों में उगाए जाने वाली प्रधान उपज में मुख्यतः धान गन्ना, दाल, तिलहन आलू एवं गेहूं है, जो भारत की कृषि का महत्वपूर्ण स्रोत है| गंगा तट के तीन बड़े शहर हरिद्वार, प्रयागराज एवं वाराणसी ज्योतिष शास्त्रों में विशेष स्थान रखते हैं| इस कारण यहां श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या निरंतर बढ़ती रहती है तथा धार्मिक पर्यटन में महत्वपूर्ण योगदान करती है|

शुद्धिकरण की मान्यता का  वैज्ञानिक आधार

गंगा नदी विश्व भर में अपनी शुद्धिकरण क्षमता के कारण प्रचलित है और लंबे समय से प्रचलित इसकी शुद्धिकरण की मान्यता का  वैज्ञानिक आधार भी है, वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक जिवो को जीवित नहीं रहने देते हैं| नदी के जल में प्राणवायु यानी ऑक्सीजन की मात्रा को बनाए रखने की असाधारण क्षमता है, किंतु इसका कारण अभी तक अज्ञात है|

गंगा नदी का विभाजन

भारत के विशाल मैदान इलाके से होकर बहती हुई गंगा बंगाल की खाड़ी में बहुत ही शाखाओं में विभाजित होकर मिलती है| पश्चिम बंगाल में पहुंचने के बाद यह नदी दो भागों में बट जाती है| इन दो नदियों का नाम है पद्मा नदी एवं होली नदी|

    सबसे दुख की बात यह है कि हमारे देश में गंगा नदी एक महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन फिर भी नदी बहुत ज्यादा प्रदूषित है आज के समय में इस नदी के किनारे कई और भी नगर बसे हुए हैं जहां से प्रदूषित जल सीधे गंगा नदी में बह जाता है| इस प्रदूषण से इंसानों को तो खतरा है ही साथ-साथ मछलियां और नदी में पाए जाने वाले अन्य जीवों पर भी बहुत ज्यादा खतरा है| भारत सरकार राज्य सरकार तथा आम जनता को ही गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए सोचना चाहिए|

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